"नाम" नागेश जय गुरुदेव (दीपक बापू)

शुक्रवार, 29 जुलाई 2016

હાલો ને સખી રે એ તમે શૂન્ય માં!(Nagesh Original Version) PARAJ

હાલો ને સખી રે એ તમે શૂન્ય માં!(Nagesh Original Version)

હાલો ને સખી રે એ તમે શૂન્ય માં!
હોયે જો અલખ ને મળવાની આસ!!
હંસલો ને લયીને તમે સાધજો!
લેજો મોતી વીણીને તમે ખાસ!!(1)
હાલો ને સખી રે એ...

ભક્તિ નો મારગ ભજન થી ઓળખો!
સુરતા લગાડી શબ્દો ને સાંભળજો ખાસ!!
એને સમઝી ને તમે ચેતજો!
મળશે તમને જ્ઞાન અલખ અવિનાશ!!(2)
હાલો ને સખી રે એ...

આપાપણ ને ટાળી તમે ગોતજો!
મટાવીને લેજો હું ને મારુ તમે ખાસ!!
ઇંગલા ને પિંગલા નું સમાગમ કરજો!
ત્રિવેણી માં જોયી લેજો અલખ નો પ્રકાશ!!(3)
હાલો ને સખી રે એ...

રંગો ની રમત ને તમે તારજો!
દીવો ઓળખાશે તમને પ્રકાશ!!
એનેં પૂરું તમે માનીને નવ બેસજો!
આગડ ગેબી છે અમર અપાર!!(4)
હાલો ને સખી રે...

ઝારનો પહાડો ના દ્રિશ્ય ઓળખાશે!
ભમ્મર ગુંફા ની મોડ લેજો સંભાળ!!
ગુરુ દીપક પ્રતાપે દાસ નાગેશ બોલ્યા!
પિયુ ને મળી સમાગમ કરી લ્યો તમે આજ!!
હાલો ને સખી રે...

સુગરા થયીને પણ રહ ગયી થોડી!(Nagesh Original Version) (Bhairavi)

સુગરા થયીને પણ રહ ગયી થોડી!(Nagesh Original Version)
સુગરા થયીને પણ રહ ગયી થોડી!
કરીને ગુરુ ને તોય પાવી ના કોડી!!
કછુ નહિ પાવે, તોય સબ કો દિખાવે!
બાતા કરે એ તો ભાયલા જોડી જોડી!!(1)
સુગરા થયીને પણ...

જ્ઞાન ધ્યાન કી બાતા બોલે!
જ્ઞાન કપાટ ઝટ દેખત ખોલે!!
કરે અપમાનિત સંતન ને ભાઈ!
ફોગટ કરે હૈ એ તો દૌડા-દૌડી!!(2)
સુગરા થયીને પણ...

પાંચ પચ્ચીસ કો વશ કરી જાણો!
ત્રિગુણી ની માયા તમે ઝરા પહેચાનો!!
કહે દાસ નાગેશ ગુરુ દીપક પ્રતાપે!
ગુરુ કહે વાતો એના પાળવા માણો!!(3)
સુગરા થયીને પણ...

गुरुवार, 28 जुलाई 2016

આવા ઢોંગી ને ઓળખવા તમે, વાત મારી માણજો રે!(Original version by Nagesh)(swayamvar satgurujina desh maa)

આવા ઢોંગી ને ઓળખવા તમે, વાત મારી માણજો રે!(Original version by Nagesh)

આવા ઢોંગી ને ઓળખવા તમે, વાત મારી માણજો રે!
અને સાચા રે ભગત ને તમે એના, વચન થકી માણજો રે!!
આવા ઢોંગી ને ઓળખવા તમે.....(1)

એ તો કરે છે શબદ ની, તમારે જોડે ફક્ત બાત રે,!
નહિ કરશે એ તો કોઈ દી તમારો આ ઉદ્ધાર રે હા!!
વાતો માં ઉલઝાવી કરશે તારા ધન નો બસ હાનિ રે!!
આવા ઢોંગી ને ઓળખવા તમે.....(2)

વચન ના પૂરો રે ઈ તો, કોઈ દી ના રહે રે!
રહેશે એની એ જી વાતો માં વ્યભિચાર રે હા!!
નઝરોં માં જુઓ તો તમને મળશે ફક્ત લોભાચાર રે!!
આવા ઢોંગી ને ઓળખવા તમે.....(3)

આશ્રમ બનાવી સભા માં, તમને બેહાડશે રે!
કરશે વ્હાલા ઈ તો, વડા ધરમ ની વાત રે હા!!
તમે જોયી ને લેજો એના આસરા, ઈ તો કરશે તારા ભાવ વ્યાપાર રે!!
આવા ઢોંગી ને ઓળખવા તમે.....(4)

મંત્ર જો તમે જાણવું હોયે તો, કરજો સાચા ગુરુ ને રે!
શીલવંત દેખાશે, ઓળખાશે, ઈ તો નઝર થી પણ પર રે હા!!
એવા ગુરુ દીપક પ્રતાપે સંત નાગેશ બોલ્યા, કરજો વિચારી ને તમે આ વ્યવહાર રે!!
આવા ઢોંગી ને ઓળખવા તમે.....(5)



सारे सपने कहीं खो गए! हाय हम क्या से क्या हो गए!(Nagesh Original Version)


सारे सपने कहीं खो गए! हाय हम क्या से क्या हो गए!(Nagesh Original Version)

सारे सपने कहीं खो गए! हाय हम क्या से क्या हो गए!
सारे सपने कहीं खो गए! हाय हम क्या से क्या हो गए!!

जलते सूरज सी थी रौशनी, हम थे काबील जहां के लिए!
जलते सूरज सी थी रौशनी, हम थे काबील जहां के लिए!!
रौशनी भी नहीं अब रही!........
रौशनी भी नहीं अब रही! और हम भी यहाँ खो गए!!(१)
सारे सपने कहीं खो गए.....

अब अंधेरे के है बादशाह, हम नशे के समंदर में है!
अब अंधेरे के है बादशाह, हम नशे के समंदर में है!!
अब ठिकाना नहीं कुछ रहा!......
अब ठिकाना नहीं कुछ रहा! अब ना जाने कहाँ वो गए!!(२)
सारे सपने कहीं खो गए.....

एक सवेरा जो होने को था, वो तो बादल में जा है छिपा!
एक सवेरा जो होने को था, वो तो बादल में जा है छिपा!!
यादे सारी बिखरने लगी!.....
यादे सारी बिखरने लगी! आँधियों सी जो चलने लगे!!(३)
सारे सपने कहीं खो गए.....


ये अँधेरा सिमटने लगा है, आ.............
ये अँधेरा सिमटने लगा है, रौशनी भी है दिखने लगी!
ये अँधेरा सिमटने लगा है, रौशनी भी है दिखने लगी!!
रास्ता भी है अब मिल गया!......
रास्ता भी है अब मिल गया! हम भी है कुछ सँभलने लगे!!(४)
सारे सपने कहीं खो गए.....

बुधवार, 27 जुलाई 2016

આવું સાચા રે હીરલા ને વીરા ગોતજો!! (Sant Nagesh)(Doranga bheda re nav besiye Raag)

આવું સાચા રે હીરલા ને વીરા ગોતજો!! આવું સાચા રે હીરલા ને વીરા ગોતજો!! મળશે ભજન ની માંય!! આવું સાચા રે... ધ્યાન માં બેસી ને ખોળજો!! અને કરજો સુરતા થી વ્યાપાર!! આવું સાચા રે... આવું સુરતા ની દોરી લયીને તમે જાણજો રે!! જોયી લેજો તમે ગગન રે અપાર!! આવું સાચા રે... શૂન્ય રે શિખર માં તમે એને મળશો રે!! જોયી લેજો ઓલી ઝોપડીએ પ્રકાશ!! આવું સાચા રે... ભમ્મર ગુંફા માં થયીને જાણજો રે!! શું છે કોટી ભાન પ્રકાશ!! આવું સાચા રે... ત્રિવેણી ના સંગમ સાચા માનજો રે!! અને વચન ને પાળજો ભરપૂર!! આવું સાચા રે... શબ્દો માં ખેલી તમે ભય ને મારજો!! તો જોશો સતમારગ માં તમે આ નૂર!! આવું સાચા રે… ગુરુ દીપક પ્રતાપે સત નાગેશ બોલ્યા!! ગુરુ બિન લાગે નહિ હીરલો હાથ!! આવું સાચા રે... _________________________________________________________

How Life Changes/जीवन बदलता कैसे है

      मैं नहीं जानता हूँ की ये शुरुआत क्यों हो रही है! पर ये जानता हूँ की बात निकली है तो दूर तक जाएगी!
हर किसी को दुनिया में आने के बाद एक किरदार मिल जाता है जो इसे बखूबी निभा जाता है उसे सब याद करते है, और जो नहीं निभा पाता है उसकी यादें कुछेक के पास पड़ी पड़ी धुल खाती रहती है!

       बड़ी मुश्किल से मनुष्य देह मिलती है, इसका इस्तेमाल सही तरीके से करना चाहिए, जिस वचन की पूर्ति के लिए हम धरती पे आये है वह पूरा करना चाहिए! इसे पूरा करना ही हमारा एक मात्रा उद्देश्य होना चाहिए!

यहाँ मैं कुछ सच्चाई कहानी के रूप में लिख रहा हूँ इसे आप जीवनी समझिये या जो चाहिए वह समझिये मगर इसके जरिये अगर मैं आप को कुछ समझ पाऊ या आप के लाइफ में कोई चेंज ला पाऊ तो ये मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होगा!

 (1) How Life Changes
           जीवन बदलता कैसे है

  दुनिया बहुत बड़ी है! उसमे ज़मीन के टुकड़ो के अनेक विभाजन हुए है और सभी अपनी अपनी सत्ता कायम कर के उन टुकड़ो को देश विदेश का नाम दे दिया है! ऐसा ही एक देश जिसमे संस्कृति, साहित्य, सन्मान, धर्म, सद्भावना, दया आदि चरित्रवान चीज़े फलती फूलती है! ऐसे ही देश के एक बड़े नगर मुम्बई में एक छोटे से कोने में उस लड़के का जन्म हुआ, जिसकी कहानी हम यहाँ देखेंगे!

  बरसात के दिन थे वो, जब उसका जन्म हुआ, और दुनिया के लिए तो बस एक जनगणना में गिनती बढ़ी थी पर उसके घर के लिए तो उस दिन सभी की ख़ुशी का दिन था! शायद!!    आप सोच रहे होंगे की शायद क्यों? आगे पता चलेगा!!  हर बच्चे की तरह उसका बचपन भी बीतना था पर घर की हालात और लड़के की बदनशीबी ने ४ ५ साल की उम्र में ही उसको सड़क किनारे ठेले पे बैठना सीखा दिया! घर वालो के साथ में वह भी पढाई लिखाई कर के वही ठेले पे लग जाया करता था! बचपन से ही खेल कूद का मनोरंजन का शौक हर किसी को होता ही है! उसे भी था पर पूरा हो नहीं पाता था! और अगर पूरा करने चले भी जाए तो घर से पिताजी का डंडा, माँ की बेलन, चप्पल हर घरेलु औजार उसके इन्तेजार में पलकें बिछाए बैठा रहता था!

चाहते हुए भी उस दिशा में बढ़ पाना तो मुश्किल था! जैसे तैसे अंग्रेजी माध्यम से हिंदी माध्यम में तबादला हो गया उसका! कारन पता नहीं क्या था या शायद वह बताना नहीं चाहते होंगे! धीरे धीरे गाडी आगे बढ़ी मेट्रिक तक पहुची! एसएससी की पढाई को बहुत ही मुश्किल समझा जाता है! तरह तरह के कोचिंग लगाए जाते है बच्चो के पर अपने उस्ताद कहा कोचिंग में जायेंगे तो घर पे ही जो समय मिलता उसमे पढ़ते! इम्तिहान के दिन सर पे थे! बोर्ड की परीक्षा का समय कुछ इस तरह होता है सुबह ११ बजे से २ बजे तक! तो इम्तिहान में भी वह २ बजे इम्तिहान देके निकलते २.१५ बजे घर पहुचते और २.३० बजे अपने पिताजी के ठेले पे पहुच जाते! फिर तो ६ उनके वही बजते थे ना नुकुर की कुछ बोला तो चप्पल डंडे तो हाज़िर ही है! घर पहुच के भी कुछ हो न पाता फिर कुछ ही देर में दोबारा ठेले से बुलावा आता टी ब्रेक का जो नहीं नहीं कर के १ घंटे का होता था उसके बाद ठेले को बंद करने की जिम्मेदारी फिर घर आके लाइट बंद और सो जाना! बिचारे सुबह सुबह २ या ३ बजे जागते बाहर जाते और पढ़ते उजाला होते ही घर पे आते और पढ़ते ९ बजे ठेला लगा के देते और इम्तेहान देने पहुच जाते! जैसे तैसे इम्तिहान ख़तम हुए फिर तो २४ घंटे के ठेले चलाने लगे!

अब लाइफ में चेंज आने को था इम्तिहान के रिजल्ट आये उत्तीर्ण हो गए थे अब तो कॉलेज जाने की तैयारी  थी साथ साथ कंप्यूटर में भी हाथ आजमाया बारहवीं भी उत्तीर्ण हुए उसके बाद घर से और ठेले से बाहर निकल के जॉब ज्वाइन की कंप्यूटर चलाते चलाते कब उसे बनाना सिख लिया पाता ही नहीं चला! और फिर गाडी ने  रफ़्तार पकड़ ली! सबकुछ सही से चलने लगा! नए नए किरदार जुड़ते गए! और लड़का अब लड़का न रहा! शादी हुयी! सब कुछ सही से चल ही रहा था की जीवन ने फिर से करवट ली! और कारोबार की शुरुआत हुयी! काफी अच्छे ढंग से शुरुआत हुयी! पर कुदरत को शायद ये मंजूर न था! और एक अकस्मात् चोरी ने सब कुछ पलट के रख दिया! कारोबार में भारी नुकसान हुआ! जो कुछ जमा पूंजी थी उसमे भी नुकसान की भरपाई नहीं हो पायी! बाहर से कर्ज लेना पड़ा! और कर्ज के बोझ तले तो अच्छे अच्छे दब जाते है! फिर इसकी कहा बिसात थी! बर्बादी ने घेर लिया! एक अच्छा जीवन शुरू होने के पहले ही ख़त्म हो गया!

ऊंचाई से गिरा के ज़मीन पे समय ने इस कदर पटका की खड़े होने की ताकत भी नही रही! फिर नशे ने घेर लिया! अब तो दिन रात बस नशे का शराब का ही सहारा रह गया था!  परिस्थिति नशे में और भी गिरती गयी! दाने-दाने के मोहताज़ हो गए ऐसी नौबत आ गयी घर छूट गया! रिश्ते टूट गए! दोस्त बिखर गए! ज़िन्दगी की हक़ीक़त दिखने लगी! नया पुराना सब याद आने लग गया! लोगो ने ताने देने शुरू कर दिए, और भाई दे भी क्यों नहीं! इसने कौन सा सही काम किया था! समय ने धोखा दिया तो नशे का ग़ुलाम बनने की जरुरत क्या थी! समय से लड़ा जा सकता था! पर कौन समझाए! ताना देने तो सब आये! पर समझाने कोई नहीं!

फिर एक दिन कुछ सत्संगियो का साथ मिला! और जीवन ने फिर से नया मोड़ लिया! नाश छुटा, बुरी सांगत छूटी! कर्ज तो ज्यो का त्यों रहा! पर सत्संग ने नयी उम्मीद भरी थी तो झेलते चल दिए! भजन सुने! समझे! नये नये खोज में लग गए! रहस्य को जाना! और अब उस रहस्य को पूरी तरह से समझने की कोशिश शुरू की है!
आगे आगे देखिये होता है क्या!
*************************************************************************************************************************************************
यह कहानी बदलाव पे थी जिसमे बताया की कितने जल्दी जल्दी इस जीवन में उतार चढ़ाव आते है! कैसे अपने बेगाने और बेगाने अपने बन जाते है! दुनिया की कोई ताकत जो काम नहीं कर पाती है! वह भजन और सत्संग एक क्षण में कर देता है!

इन सभी बदलाव के बिच में जो भी घटा उसे भी हम आगे चल के देखेंगे कहानी के शेष अंश में तब तक के लिए आप के लिए ये एक सोच दी है जिसे आप को सोचना है, समझना है! और मंथन करना है! की गलती किसकी थी! और सही कौन था! बदलाव कब आना चाहिए था! और कब नहीं आना चाहिए था! नशा क्यों हावी पड़ा!  नशा क्यों छूट गया!

बुधवार, 20 जुलाई 2016

गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में कल मैंने मेरे दोनों ही गुरु "श्री दीपक बापू" और "श्री हर्षद भाई कारिया" का सन्मान किया उसके कुछ फोटोज यहाँ शेयर कर रहा हूँ

गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में कल मैंने मेरे दोनों ही गुरु "श्री दीपक बापू" और "श्री हर्षद भाई कारिया" का सन्मान किया उसके कुछ फोटोज यहाँ शेयर कर रहा हूँ
Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Guru Purnima, Sant Nagesh, Guru, Yog, Dhyan, Moksha
 श्री दीपक बापू को शॉल पहनाते हुए लेफ्ट से (Nagesh Sharma, Deepak Bapu, Karia Bapu)
Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Guru Purnima, Sant Nagesh, Guru, Yog, Dhyan, Moksha
 Shree Harshad Bhai Karia Ke Charan Sparsh Nagesh Sharma
Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Guru Purnima, Sant Nagesh, Guru, Yog, Dhyan, Moksha
 Shree Harshad Bhai Karia Ko Shawl Aur Nariyal Bhent Karte Huye Nagesh Sharma
Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Guru Purnima, Sant Nagesh, Guru, Yog, Dhyan, Moksha

Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Guru Purnima, Sant Nagesh, Guru, Yog, Dhyan, Moksha

मंगलवार, 19 जुलाई 2016

शब्द स्वास्थ्य सेवा संस्थान की तरफ से दूसरा कार्यक्रम

शब्द स्वास्थ्य सेवा संस्थान की तरफ से दूसरा कार्यक्रम  के द्वारा रविवार दिनांक १७-७-२०१६ को बोरीवली पश्चिम स्थित मदर टेरेसा द्वारा स्थापित डॉन बोस्को की संस्था के अंतर्गत आने वाले "शांति दान चैरिटी" जो की अपंग और मंदबुद्धि तथा उन वृद्धों के लिए जिनके कोई नहीं है को स्थान देती है! इस आश्रम में संस्था के द्वारा भोजन की व्यवस्था की गयी! संस्था के सदस्यों ने अपने हाथो से इन्हे भोजन खिलाया, परोसा! संस्था अपने आप को गौरवान्वित महसूस करती है की उन्हें इस तरह के लोगो की सहायता करने का अवसर प्राप्त हुआ!
मैं नागेश शर्मा अपने आप को आज संतुष्ट पाता हूँ क्योंकि यदि इस सेवा कार्य के लिए यदि मैंने 4S संस्था की स्थापना नहीं की होती तो आज मैं इस कार्य से वंचित रह जाता और जीवन को देखने का नजरिया नहीं मिल पता!
मुझे गर्व है मुझे मेरे गुरूजी दीपक बापू और हर्षद भाई कारिया के सानिध्य में बुद्धि मिली और मेरा जीवन परिवर्तन हो पाया है! मैं आज गुरुपूर्णिमा के अवसर पे मेरे दोनों गुरु का आभार मानता हूँ और यह अपेक्षा रखता हूँ की आगे भी मैं इस तरह के कार्य को कर सकु
यहाँ कुछ फोटोज शेयर की है


Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan

4S Seva Karya Shabd Swasthya Seva Sansthan, Nagesh Sharma, Sant Nagesh, Deepak Bapu, 4s Trust, Bhajan, Yog, Dhyan