सारे सपने कहीं खो गए! हाय हम क्या से क्या हो गए!(Nagesh Original Version)
सारे सपने कहीं खो गए! हाय हम क्या से क्या हो गए!
सारे सपने कहीं खो गए! हाय हम क्या से क्या हो गए!!
जलते सूरज सी थी रौशनी, हम थे काबील जहां के लिए!
जलते सूरज सी थी रौशनी, हम थे काबील जहां के लिए!!
रौशनी भी नहीं अब रही!........
रौशनी भी नहीं अब रही! और हम भी यहाँ खो गए!!(१)
सारे सपने कहीं खो गए.....
अब अंधेरे के है बादशाह, हम नशे के समंदर में है!
अब अंधेरे के है बादशाह, हम नशे के समंदर में है!!
अब ठिकाना नहीं कुछ रहा!......
अब ठिकाना नहीं कुछ रहा! अब ना जाने कहाँ वो गए!!(२)
सारे सपने कहीं खो गए.....
एक सवेरा जो होने को था, वो तो बादल में जा है छिपा!
एक सवेरा जो होने को था, वो तो बादल में जा है छिपा!!
यादे सारी बिखरने लगी!.....
यादे सारी बिखरने लगी! आँधियों सी जो चलने लगे!!(३)
सारे सपने कहीं खो गए.....
ये अँधेरा सिमटने लगा है, आ.............
ये अँधेरा सिमटने लगा है, रौशनी भी है दिखने लगी!
ये अँधेरा सिमटने लगा है, रौशनी भी है दिखने लगी!!
रास्ता भी है अब मिल गया!......
रास्ता भी है अब मिल गया! हम भी है कुछ सँभलने लगे!!(४)
सारे सपने कहीं खो गए.....
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