નાગેશ દ્વારા લિખિત સાખી
नागेश द्वारा लिखित साखी
१) विरह की याद में तड़पत भए
ना रात सूझत ना दिन
मैं तो सुधबुध सब खो बैठी
तुम रहे कठोर न दर्शन दीन्ह
२) गुरु बिन न हस्ती मेरी
न हस्ती तेरी न हस्ती परमातम की
गुरु मिले तब रास्ता दिखाए
ज्ञान मिले तब आतम की
३) शब्द की महिमा का बखान कर, शब्द को धो कर पी
शब्द कटारी घाव करत है, शब्द मरहम करत औषधी
शब्द शब्द का खेल निराला, शब्द गुरु मतवाला है!
शब्द की धुनि लगा आतम पे, शब्द सहज तू पी
४) तुझमे खुदा बस्ते है बस यही सोच के चले जा रहा हूँ
तुझसे मिलने के खातिर जो कदम बढाए तो हर जगह खुद को खड़ा पा रहा हूँ
ज़िन्दगी का आयाम कितना छोटा लगेगा ये सोचा नहीं था कभी
जब से बात तेरी आई है मैं तो बस ज़हर पीए जा रहा हूँ
५) गुरु से मिलकर मैंने जाना है तुझे, मेरी नस नस में तू ही तू समाया है!
मैं तेरा हूँ या तू मेरा है??? आखिर किसने किसे आज़माया है!
मैं तुझमे समां जाऊंगा या तू मुझमे समां जायेगा, इसकी खबर पड़ती नहीं थी
गुरु ने मेरे मुझसे मेरा रूबरू कराया है!
६) ये दर्द दिलो का है, शब्दों में बयां नहीं होगा
ये दर्द दिलो का है, शब्दों में बयां नहीं होगा
इसके लिए दिल ही चाहिए वर्ना तुम्हारे लिए ये फसाना नया नहीं होगा
तुम्हे तो आदत है मेरे जज़्बातों से खेलने की
तुम्हे तो आदत है मेरे जज़्बातों से खेलने की
पर याद रखना हर बार तुम्हारी ठोकर खाने को मेरा दिल वहा नहीं होगा
७) बहुत कम माली होते है जिन्हे फूल प्यारे होते है,
बाकियो को तो पैसे ही प्यारे होते है,
ये चाहत ही कुछ अलग है ज़नाब पैसे की,
तभी तो फूल अपने वज़ूद से अलग होते है!
पर
फूल की भी अपनी किस्मत है कभी बाजार में कभी दरबार में
माली तूने तो अलग कर दिया है! हम भी खड़े है इंतज़ार में!
न जाने किस्मत कहा ले जाएगी हमे! किसी बाजार में या किसी दरबार में
८) मेरी महक, मेरा वज़ूद, मेरा भरोषा मुझपे तुझसे ज्यादा है!
राम नाम का सिर्फ ढोंग नहीं, वचन मेरी मर्यादा है!
९) तकलीफ होती है जब कोई अपना रूठता है!
तकलीफ होती है जब कोई अपना टूटता है!
तकलीफ होती है जब किसीका साथ छूटता है!
पर हमने भी जीना सिख ही लिया ए ज़िन्दगी इस ग़म-ए-बाजार में
पर हमने भी जीना सिख ही लिया ए ज़िन्दगी इस ग़म-ए-बाजार में
अब तो तेरी राह भी देखनी छोड़ दी हमने
तुझपे निगाह भी रखु तो मेरा विश्वास टूटता है!
१०) नारी प्रतिक, नारी अतीत, नारी ही वर्तमान
नारी सटी, नारी शक्ति, नारी ही भविष्य का द्वार
११) साधु बात न मानिए, हमन नहीं कछु बैर
हम तुम तुम पहचानिए, मांगिये सबन की खैर
सही भूमि बीज धरे, लागे फल खिले पेड़
सोय सत-संग करीले, देखिले होत हो फेर?
११) मैं की तो गिनती ही नहीं, हम भी लगे है कम,
सब कुछ मिला के देख लिया, जो पाया सब कम,
क्या करे, क्या न करे, नहीं और नहीं छोर
मिलाना था सो ही रह गया, समय तने अब यम
जिसे कुछ भी समझने में या गैर-समझ हुई हो तो वह हमसे संपर्क कर सकता है! जय गुरुदेव Jay Gurudev જાય ગુરુ દેવ नागेश शर्मा Nagesh Sharma નાગેશ શર્મા दीपक बापू Deepak Bapu દિપક બાપુ Nagesh Best articles http://santnagesh.blogspot.in/2016/05/blog-post_91.html guru http://santnagesh.blogspot.in/2016/03/pratham.html Pratham http://santnagesh.blogspot.in/2016/03/blog-post.html Pashu ki paniya bane http://santnagesh.blogspot.in/2016/03/84-chauryaashi-ka-fera.html Chauryaashi ka fera 84 ka fera Yoni-manav yoni http://santnagesh.blogspot.in/2016/03/blog-post_28.html Yatra Tatra Sarvatra http://santnagesh.blogspot.in/2016/03/ek-shuruaat.html EK SHURUVAAT http://santnagesh.blogspot.in/2016/03/suajanya-whatsapp-santvani-group.html Prachand urja ke do pravahini kundali me http://santnagesh.blogspot.in/2016/04/blog-post.html Maanva mastishk kaisa hai http://santnagesh.blogspot.in/2016/04/blog-post_9.html Thodi Si Gyaan Ki Baate Bhaag 1 http://santnagesh.blogspot.in/2016/04/blog-post_25.html Thodi Si Gyaan Ki Baate Bhaag 2 http://santnagesh.blogspot.in/2016/05/blog-post.html Thodi Si Gyaan Ki Baate Bhaag 3 http://santnagesh.blogspot.in/2016/04/blog-post_19.html Kuch mulbhut tatvo ki jaankari http://santnagesh.blogspot.in/2016/05/blog-post_98.html Brahm ki khoj http://santnagesh.blogspot.in/2016/05/blog-post_11.html Manav Swabhaav Parivartan http://santnagesh.blogspot.in/2016/05/blog-post_19.html SAWAL PRASHNA QUESTION
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