🏻जैसा हम सब जानते है की मानव शरीर 5 तत्व से बना हुआ है ये करीब करीब सब ही जानते है । लेकिन एक एक तत्व की पाँच पाँच प्रकृति भी है ये हम कम ही जानते है । हमारा शरीर तथा ब्रह्माण्ड का निर्माण एक जैसा ही हुआ है और सारा ब्रह्माण्ड हमारे अपने ही अंदर मौजूद है। सभी तत्व हमारे शरीर में अपने अपने स्थान पर रहते हैं और ये सब अपनी अपनी प्रकृति के साथ हमारे शरीर ही वास करते है। जैसे:- 1पृथ्वी तत्व 2जल तत्व 3अग्नि तत्व 4वायु तत्व 5आकाश तत्व 🏻 तत्वों की प्रकर्ति के नाम 🏻 🏻पृथ्वी तत्व~ 1हड्डी, 2मांस, 3त्वचा, 4रंध्र, 5नाखून 🏻जल तत्व~ 1🌿 खून 2🌿लार 3🌿पसीना 4🌿मूत्र 5🌿वीर्य 🏻अग्नि~ 1भूख 2प्यास, 3आलस्य 4निंद्रा 5जंभाई 🏻वायु तत्व🌺 1🍃बोलना 2🍃सुनना 3🍃सिकुड़ना 4🍃फैलना 5🍃बल लगाना 👉🏻आकाश तत्व🌺 1🌿शब्द 2🌿आविर्भाव 3🌿रस 4🌿गंध 5🌿स्पर्श 👉🏻इसी के साथ साथ हमारे शारीर में 👉🏻पाँच काम इंद्रियाँ , 👉🏻पाँच ज्ञानेंद्रियाँ भी होती है जो इस प्रकार है 👇🏻 👉🏻काम इन्द्रियाँ🌺 1🌿पैर 2🌿गुदा 3🌿लिंग 4🌿मुंह 5🌿हाथ 👉🏻ज्ञान इन्द्रियाँ🌺 🍃आंख 🍃नाक 🍃कान 🍃मुंह 🍃त्वचा इन सबके साथ साथ इनका भी निवास हमारी काया में होता है इनको को भी जान लीजिये जो इस प्रकार है 👇🏻 🌹मन🌹बुद्धि 🌹अहंकार 🌹परकर्ति🌹पुरुष(शिव ईश्वर अलख) 👉🏻 इन सब का ही हमारी मानव काया में निवास रहता है। 🌹इन सबका सही ज्ञान ही हमे हमको सही दिशा दिखा सकता है 🌿जय गुरुदेव 🌿
मंगलवार, 29 मार्च 2016
Sharir Visha likhit thodi jankari
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