"नाम" नागेश जय गुरुदेव (दीपक बापू)

सोमवार, 4 अप्रैल 2016

ऐवा रसीला नैण वीण बीजे हदय धराय क्यां

ऐवा रसीला नैण वीण बीजे हदय धराय क्यां


कष्ट सहे अपार छता प़ेमी जन प़ेम न छोडे ऐ ,
प़ेम तो प़भुनो प्यार कोयेथी  मुख न मोडे ,
कहे सत्तार प़ेम कायर न जाणे प़ेम तो पुष्पनो हार तेने ज्ञानी शूरवीर वखाणे.....,

ऐवा रसीला नैण वीण बीजे हदय धराय क्यां ,
रूणी बनीने आपना बीजे हवे जवाय क्यां.....

ऐवा रसीला ....

जो जो अमारी प़ीतडी ऐ तमे अंत सुधी निभावजो ,
द्वार तमारो छोडी ने दीवाना दीलडा जाई क्यां.....

ऐवा रसीला......

अमे तो प्यासी तमारा प़ेमनां आवी ने ऊभा तमारे द्वारे  ,
प़ेम चुरावी ऐ सनम प्यासी हदय धराई क्यां....

ऐवा रसीला....

ऐ तारो मारा हदयमां वास छे प़भुजी तेनो सर्व स्थेले प़काश छे ,
गेबी अवाज थाय ज्यां द्वारे द्वारे अथडाय क्यां......

ऐवा रसीला...,

मे जोयुं जग फरी फरी ने पासे मल्यां छो तमे श्री हरी ,
ज्ञानी गुरु मल्या वना सत्तार योग्य थाय क्यां...

ऐवा रसीला......

Saint Nagesh Sharma  સંત નાગેશ    संत नागेश 

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