ऐवा रसीला नैण वीण बीजे हदय धराय क्यां
कष्ट सहे अपार छता प़ेमी जन प़ेम न छोडे ऐ ,
प़ेम तो प़भुनो प्यार कोयेथी मुख न मोडे ,
कहे सत्तार प़ेम कायर न जाणे प़ेम तो पुष्पनो हार तेने ज्ञानी शूरवीर वखाणे.....,
ऐवा रसीला नैण वीण बीजे हदय धराय क्यां ,
रूणी बनीने आपना बीजे हवे जवाय क्यां.....
ऐवा रसीला ....
जो जो अमारी प़ीतडी ऐ तमे अंत सुधी निभावजो ,
द्वार तमारो छोडी ने दीवाना दीलडा जाई क्यां.....
ऐवा रसीला......
अमे तो प्यासी तमारा प़ेमनां आवी ने ऊभा तमारे द्वारे ,
प़ेम चुरावी ऐ सनम प्यासी हदय धराई क्यां....
ऐवा रसीला....
ऐ तारो मारा हदयमां वास छे प़भुजी तेनो सर्व स्थेले प़काश छे ,
गेबी अवाज थाय ज्यां द्वारे द्वारे अथडाय क्यां......
ऐवा रसीला...,
मे जोयुं जग फरी फरी ने पासे मल्यां छो तमे श्री हरी ,
ज्ञानी गुरु मल्या वना सत्तार योग्य थाय क्यां...
ऐवा रसीला......
Saint Nagesh Sharma સંત નાગેશ संत नागेश
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